बादाम लड्डू
सभी को सप्रेम नमस्ते
“परम्परागत वर्षाऋतु में उपयोगी बादाम लड्डू “
बादाम लड्डू की सामग्री
बादाम एक किलो
काजू एक किलो
पिस्ता बड़ा वाला आधा किलो
अखरोट गिरी सफेद आधा किलो
गुलकन्द आधा किलो
खसखस एक पाव
सिंघाड़ा एक किलो
घी देशी 1किलो 700 ग्राम
देशी छोटी मक्खी का शहद एक किलो 500 ग्राम
धमासा 400 ग्राम
चित्रक 400 ग्राम
गोरखमुण्डी 200 ग्राम
सरपोंखा 200 ग्राम
कैर मीठे किये हुए कच्चे वाले 400 ग्राम
बादामलाडु सामग्री की तैयारी
बादाम काजू पिस्ता अखरोट को दरदरा कर लीजिए मटर के दाने से छोटा
सिंघाड़ा को हमामदस्ते में बारीक कूटकर फिर इसमें खसखस मिलाकर पीस लीजिये
गुलकन्द को कपड़े से छानकर उसका रस अलग निकाल लीजिए अपने को रस का प्रयोग नही करना केवल गुलकन्द का गुदा ही काम मे लेना है
धमासा, चित्रक,गोरखमुंडी,सरपोंखा और कैर को पीसकर कपड़े से छान लीजिये
बादाम लड्डू समय https://youtu.be/hfs5P0Z23mw?si=cvxWb6dNY9HDPOY5
ध्यानदेने योग्य बिंदु
बादाम लड्डू इसको रात्रि में ही बनाना होता है
सबसे पहले घी का दीपक जलाकर रखे जब तक लड्डू की सामग्री को पकाते है तब तक दीपक जलते रहना चाहिए
इसे मध्यम से मन्द आंच पर ही बनाना है
किसी तरह की शीघ्रता और आवेश का भाव न रहे
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बादाम लड्डू बनाने की विधि
सर्वप्रथम कड़ाही में थोड़ा सा घी डालकर दरदरे किये हुए बादाम,काजू,पिस्ता,अखरोट को अलग अलग हल्का सा भून लीजिये
फिर उसी घी में सिंघाड़ा खसखस मिक्स आटा को हल्का भूरा होने तक भून लीजिये और पूरा सिकने पर उतार लीजिये और कुछ देर सामान्य ठण्डा होने पर उसमे मेवे डाल देवे और कड़छी से मिक्स कीजिये
इस समय यह गुनगुना रहेगा तब इसमे धमासा चित्रक गोरखमुण्डी सरपोंखा और कैर डाल कर कड़छी से मिक्स कीजिये फिर इसमें गुलकन्द का गुदा डालकर मिक्स हाथो से मिक्स कीजिये अब यह सामान्य शीतल है जब सारा मिश्रण मिक्स हो जाये और हाथों से पता कर ले कि सामान्य ठंडा हो गया तब इसमे थोड़ा थोड़ा शहद डालकर मिक्स करते जाइये
लगभग एक से डेढ़ किलो शहद तक मिक्स हो जाएगा आराम से
तब लडू बनने लायक हो जाएगा तब लड्डू बना लीजिए
एक लड्डू 50 ग्राम से लेकर सौ ग्राम तक का बना सकते हो
ध्यान देवे जितना मध्यम मन्द आंच पर सिकाई होगी उतना ही गुणकारी होगा
एक से 2 घण्टा सिकाई और तीन घण्टा मिश्रण मिलाने में लगेगा
लाभ एव उपयोगिता
यह यकृत,ह्दय,पित्ताशय,आंतो,शरीर की नाड़ियों एव शुद्ध रक्त निर्माण में सबसे उत्तम है
इसका सेवन श्रावण मास से कार्तिक पर्यंत किया जा सकता है
वर्षाऋतु में पित्त वृद्धि और वात विकृति अधिक होने की अवधि है
यह लड्डू त्रिदोष साम्य करता है
इसकी सामग्री के गुणधर्म सभी जानते है उन सबका फल मिलता है
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